Chalisa
विष्णु चालीसा: Vishnu Chalisa, Lyrics, Aarti, Mantra, Benefits in Hindi
“शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगनसदृश्यं मेघवर्णं शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं
वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्।।”
भगवान विष्णु को उनकी दयालुता, कृपालुता और उदारता के कारण “हरि” नाम से भी जाना जाता है जो कि, मूल तौर पर सृष्टि के सृजनकर्ता व पालनकर्ता है और साथ ही साथ पूरी मानवजाति के सतत व सर्वांगिन विकास का भार भी इन्हीं के कंधो पर रहता है। भगवान विष्णु की आराधना तब तक अधूरी व सम्पन्न नहीं मानी जाती है जब तक कि, Vishnu Chalisa विष्णु चालीसा का पाठ ना किया जायें।
अपने सभी विष्णु भक्तों की आराधना व पूजा को सम्पन्न करने के मौलिक उद्धेश्य से ही हम, इस आर्टिकल Vishnu Chalisa में, आप सभी भक्तजनों को हिंदी व अंग्रेजी दोनो ही भाषाओं में, विष्णु चालीसा के पूरे पाठ को प्रस्तुत करेंगे ताकि हमारे सभी भक्तजन अपने सुविधानुसार विष्णु चालीसा का नियमित तौर पर पाठ कर सकें और उनका आर्शीवाद प्राप्त करके अपना व अपनों का कल्याण सुनिश्चित कर सकें।
हम, अपने इस आर्टिकल के माध्यम से अपने सभी विष्णु भक्तों को बताना चाहते है कि, गुरुवार अर्थात् बृहस्पतिवार का दिन विशेष तौर पर भगवान विष्णु का दिन माना जाता है जिस दिन उनकी पूजा-आराधना व विष्णु चालीसा का पाठ करने से हमारे भक्तजनों के संकट व समस्याओं का समाधान तो होता ही है साथ ही साथ उन्हें सुख-शांति व समृद्धि की भी प्राप्ति होती है।
अन्त, इसी उद्धेश्य से हमने अपने इस आर्टिकल में, अपने सभी विष्णु भक्तों को, विष्णु चालीसा के सम्पूर्ण पाठ को प्रदान करना का निर्णय लिया है ताकि हमारे सभी भक्तजन रोजाना व गुरुवार को विशेष तौर पर विष्णु चालीसा का पाठ करके भगवान विष्णु की कृपा व आर्शीवाद का लाभ प्राप्त कर सकें क्योंकि यही हमारा मौलिक लक्ष्य है।
विष्णु चालीसा का महत्व क्या है?
“विष्णु सर्पसायी है, गले शंकर भी भुजंग धारे है।
ब्रह्मा हूँ मैं भी, मैंने भुजंग मन में पाले है।।”
हम, अपने सभी विष्णु भक्तों को कुछ बिदुंओँ की मदद से विष्णु चालीसा के महत्व से परिचित करवाना चाहते है जो कि, इस प्रकार से हैं:-
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विष्णु चालीसा के पाठ से सुख,सौभाग्य, धन व धान्य की प्राप्ति होती है
विष्णु चालीसा का नियमित पाठ करने वाले हमारे भक्तजनों को आजीवन सुख,शांति,सौभाग्य और धन-धान्य की प्राप्ति होती है जिसकी मदद से एक सफल व सुखी जीवन जी पाते है।
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विष्णु चालीसा का नियमित पाठ करने से दूर होते है भक्तजनों के कष्ट
हमारे सभी भक्तजन आये दिन समस्याओँ व कष्टो से भरी इस दुनिया में, परेशान और हताश रहते है लेकिन विष्णु चालीसा का पाठ करने से ना केवल उन्हें, उनके कष्टो से मुक्ति मिलती है बल्कि साथ ही साथ उन्हें एक सुखी व शांत जीवन की प्राप्ति भी होती है।
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गुरुवार को विशेष फलदायी होता है विष्णु चालीसा का पाठ करना
वैसे तो आप विष्णु चालीसा का पाठ नियमित तरीके से भी कर सकते लेकिन गुरुवार को भगवान विष्णु का दिन माना जाता है इसलिए गुरुवार को विष्णु चालीसा का पाठ करने से भक्तजनों को विशेष कृपा व आर्शीवाद की प्राप्ति होती है।
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गुरुवार के दिन विष्णु चालीसा के पाठ का महत्व क्या है?
भगवान विष्णु के दिन अर्थात् गुरुवार को विष्णु चालीसा का पाठ करने का बेहद विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन विष्णु चालीसा का पाठ करने से भक्तजनों को अगले जन्म में भूत,प्रेत और पिशाच आदि योनियों में, जन्म लेने से मुक्ति मिलती है अर्थात् हमारे वर्तमान जीवन के साथ ही साथ हमारा अगला जन्म भी सुरक्षित व समृद्ध हो जाता है।
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विष्णु चालीसा के पाठ से शक्ति व ज्ञान की प्राप्ति होती है
हम, अपने सभी भक्तों को बता दें कि, भगवान विष्णु मुख्य तौर पर शक्ति व ज्ञान के देवता कहें जाते है और इसीलिए नियमित व विशेष तौर पर विष्णु चालीसा का पाठ करने से हमारे सभी भक्तो को शक्ति व ज्ञान की प्राप्ति होती है जिससे उनका जीवन सफल, सुखमय व सार्थक बनता है।
विष्णु चालीसा पाठ के फायदें
धन प्राप्ति के लिए इस विष्णु मंत्र:
“ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर. भूरि घेदिन्द्र दित्ससि,
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्. आ नो भजस्व राधसि.”
- विष्णु चालीसा का पाठ करने से हमें सुख,सौभाग्य, समृद्धि के साथ ही साथ धन-धान्य की प्राप्ति होती है,
- विष्णु चालीसा का पाठ भर करने से हमारे सभी कष्टों व समस्याओं का निवारण होता है,
- विष्णु चालीसा का पाठ करने से हमें, भीतर सकारात्मक मानसिक शक्ति की उत्पत्ति होती है,
- गुरुवार के दिन विष्णु चालीसा का पाठ करने से हमें, अगले जन्म में भूत, प्रेत व पिशाच आदि योनियों मे, जन्म लेने से मुक्ति मिलती है,
- विष्णु चालीसा का पाठ करने से हमें, शक्ति व ज्ञान की प्राप्ति होती है।
विष्णु चालीसा का पूरा पाठ हिंदी में
“ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान.
यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते..”
।।दोहा।।
जय जय जय श्री जगत पति, जगदाधार अनन्त।
विश्वेश्वर अखिलेश अज, सर्वेश्वर भगवन्त।।
।।चौपाई।।
जय जय धरणी-धर श्रुति सागर। जयति गदाधर सदगुण आगर।।
श्री वसुदेव देवकी नन्दन। वासुदेव, नासन-भव-फन्दन।।
नमो नमो त्रिभुवन पति ईश। कमला पति केशव योगीश।।
नमो-नमो सचराचर-स्वामी।परंब्रह्म प्रभु नमो नमामि।।
गरुड़ध्वज अज, भव भय हारी। मुरलीधर हरि मदन मुरारी।।
नारायण श्री-पति पुरुषोत्तम। पद्मनाभि नर-हरि सर्वोत्तम।।
जयमाधव मुकुन्द, वन माली। खलदल मर्दन, दमन-कुचाली।।
जय अगणित इन्द्रिय सारंगधर। विश्व रूप वामन, आनंद कर।।
जय-जय लोकाध्यक्ष-धनंजय। सहस्त्राक्ष जगनाथ जयति जय।।
जयमधुसूदन अनुपम आनन। जयति-वायु-वाहन, ब्रज कानन।।
जय गोविन्द जनार्दन देवा। शुभ फल लहत गहत तव सेवा।।
श्याम सरोरुह सम तन सोहत। दरश करत, सुर नर मुनि मोहत।।
भाल विशाल मुकुट शिर साजत। उर वैजन्ती माल विराजत।।
तिरछी भृकुटि चाप जनु धारे। तिन-तर नयन कमल अरुणारे।।
नाशा चिबुक कपोल मनोहर। मृदु मुसुकान-मंजु अधरण पर।।
जनु मणि पंक्ति दशन मन भावन। बसन पीत तन परम सुहावन।।
रूप चतुर्भुज भूषित भूषण। वरद हस्त, मोचन भव दूषण।।
कंजारूण सम करतल सुन्दर। सुख समूह गुण मधुर समुन्दर।।
कर महँ लसित शंख अति प्यारा। सुभग शब्द जय देने हारा।।
रवि समय चक्र द्वितीय कर धारे। खल दल दानव सैन्य संहारे।।
तृतीय हस्त महँ गदा प्रकाशन। सदा ताप-त्रय-पाप विनाशन।।
पद्म चतुर्थ हाथ महँ धारे। चारि पदारथ देने हारे।।
वाहन गरुड़ मनोगति वाना। तिहुँ लागत, जन-हित भगवाना।।
पहुँचि तहाँ पत राखत स्वामी। को हरि सम भक्तन अनुगामी।।
धनि-धनि महिमा अगम अनन्ता। धन्य भक्त वत्सल भगवन्ता।।
जब-जब सुरहिं असुर दुख दीन्हा। तब-तब प्रकटि, कष्ट हरि लीना।।
जब सुर-मुनि, ब्रह्मादि महेशू। सहि न सक्यो अति कठिन कलेशू।।
तब तहँ धरि बहु रूप निरन्तर। मर्दयो-दल दानवहि भयंकर।।
शैय्या शेष, सिन्धु-बिच साजित। संग लक्ष्मी सदा-विराजित।।
पूरण शक्ति धान्य-धन-खानी। आनंद-भक्ति भरणि सुख दानी।।
जासु विरद निगमागम गावत। शारद शेष पार नहिं पावत।।
रमा राधिका सिय सुख धामा। सोही विष्णु! कृष्ण अरु रामा।।
अगणित रूप अनूप अपारा। निर्गुण सगुण-स्वरुप तुम्हारा।।
नहिं कछु भेद वेद अस भाषत। भक्तन से नहिं अन्तर राखत।।
श्री प्रयाग दुर्वासा-धामा । सुन्दर दास, तिवारी ग्रामा।।
जग हित लागी तुमहिं जगदीशा। निज-मति रच्यो विष्णु चालीस।।
जो चित दै नित पढ़त पढ़ावत। पूरण भक्ति शक्ति सरसावत।।
अति सुख वासत, रुज ऋण नासत। विभव विकाशत, सुमति प्रकाशत।।
आवत सुख, गावत श्रुति शारद। भाषत व्यास-वचन ऋषि नारद।।
मिलत सुभग फल शोक नसावत। अन्त समय जन हरिपद पावत।।
।।दोहा।।
प्रेम सहित गहि ध्यान महँ, हृदय बीच जगदीश ।
अर्पित शालिग्राम कहँ, करि तुलसी नित शीश।।
क्षण भंगुर तनु जानि करि अहंकार परिहार ।
सार रूप ईश्वर लखै, तजि असार संसार ।।
सत्य शोध करि उर गहै, एक ब्रह्म ओंकार ।
आत्म बोध होवे तबै, मिलै मुक्ति के द्वार ।।
शान्ति और सद्भाव कहँ, जब उर फलहिं फूल ।
चालीसा फल लहहिं जन, रहहि ईश अनुकूल ।।
एक पाठ जन नित करै, विष्णु देव चालीस ।
चारि पदारथ नवहुँ निधि, देयँ द्वारिकाधीश।।
Vishnu Chalisa Lyrics in English
।।Doha।।
Jai jai jai shri jagat pati, jagadadhar anant
Vishveshvar akhilesh aj, Sarveshvar Bhagvant
Vishnu Chalisa
Jai jai Dhranidhar shruti sagar jayati Gadadhar sadgun agar
Shri Vasudev Devaki nandan Vasudev, nasan-bhav-phandan
Namo-namo sacharachar-svami paranbrahma prabhu namo namo namami
Namo-namo Tribhuvan pati Ish Kamala pati keshav yogish
Garudadhvaj aj, bhav bhai hari Murlidhar Hari Madan murari
Narayan shripati Purshottam Padmanabhi narhari sarvottam
Jai Madhav Mukuud, vanmali khal dal mardan, daman-kuchali
Jai aganit indniya sarangdhar vishva rup Vaman anand kar
Jai jai lokadhyaksh-dhananijai sahastragya Jaganath jayati jai
Jai Madhusudan anupam anan jayati Vayu-vahan vajra kanan
Jai Govind Janardan deva shubh phal lahat gahat tav seva
Shyam saroruh sam tan sohat darsha karat, sur nar muni mohat
Bhai vishal mukut shir sajat ur vaijanti mal virajat
Tirchhi Bhrikuti chap janu dhare tin-tar nain kamal arunare
Nasha chibuk kapol manohar mridu muskan kunj adharan par
Janu mani pankti dashan man bhavan basan pit tan param suhavan
Rup chaturbhuj bhushit bhushan varad hast, mochan bhav dushan
Kanjarun sam kartal sundar sukh samuh gun madhur samundar
Kar mahan lasit shankh ati pyara subhag shabda jai dene hara
Ravi sam chakra dvitiya kar dhare khal dal danav sainya sanhare
Tritiya hast mahan gada prakashan sada tap-traya-pap vinashan
Padma chaturth hath mahah dhare chari padarath dene hare
Vahan Garud manogativana tihun tyagat, jan hit Bhagvana
Pahunchi tahan pat rakhat svami ko Hari sam bhaktan anugami
Dhani-dhani mahima again ananta dhanya bhaktavatsal Bhagvanta
Jab-jab surahin asur dukhdinha taba tab prakati, kasht Hari linha
Sab sur-muni Brahmadi Maheshu sahi na sakyo ati kathin kaleshu
Tab tahan dhari bahu rup nirantar mardyo-dal danvahi bhayahkar
Shaiyya shesh, Sindhu bich sajit sang Lakshmi sada-virajit
Puran shakti dhanya-dhan-khani anand bhakti bharani sukh dani
Jasu virad nigamagam gavat sharad shesh par nahin pavat
Rama Radhika Siya sukh dhama sohi Vishnu Krishna aru Rama
Aganit rup anup apara nirgun sagun svarup tumhara
Nahin kachhu bhed ved as bhashat bhaktan se nahin antar rakhat
Shri Prayag-Durvasa-dhama Sundardas Tivari grama
Jag hit lagi tumahin Jagdisha nij-mati rachyo Vishnu-chalisa
Jo chit dai nit padhat padhavat puran bhakti shakti sarsavat
Ati sukh vasat, ruj rin nasat vaibhav vikashat, sumati prakashat
Avat sukh, gavat shruti sharad bhashat Vyas-bachan nishi Narad
Milat subhag phal shok nasavat ant sainaya jan Han pad pavat
Doha Prem sahit gahi dhyan mahan, hridai bich Jagdish,
Arpit Shaligram kahan, kari Tulasi nit shish
Kshan bhangur tanu jani, kari ahankar parihar
Sar rup Ishvar lakhai, taji asar sansar,
Satya shodh kari ur gahai, ek Brahma Onkar,
Atma bodh hovai tabai, milai mukti ke dvar
Shanti aur sadbhav kahan, jab ur phulahin phul,
Chalisa phal lahahin jan, rahahi Ish anukul
।।Doha।।
Ek path jan nit karai, Vishnu dev chalis,
Char padarath navahun nidhi, deyan Dvarikadhis
“ॐ अं वासुदेवाय नम:
ॐ आं संकर्षणाय नम:
ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:
ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:
ॐ नारायणाय नम:”
शक्ति व ज्ञान के देवता कहे जाने वाले दयालु, कृपालु व उदार भगवान हरि अर्थात् विष्णु पर केंद्रित अपने विष्णु चालीसा: Vishnu Chalisa में, अपने सभी भक्तजनों को विस्तार से विष्णु चालीसा का पूरा पाठ प्रदान किया ताकि हमारे भक्तजन नियमित तौर पर और गुरुवार के दिन विशेष तौर पर भगवान विष्णु की पूजा के साथ ही साथ विष्णु चालीसा का पाठ करके अपने इस जन्म को व अगले जन्म के सफल व सार्थक बना सकें।
अन्त, भगवान विष्णु की महिमा को समर्पित विष्णु चालीसा पर केंद्रित हमारा ये आर्टिकल में Vishnu Chalisa Lyrics, VishnuChalisa Benefits आपको जरुर पसंद आया होगा जिसके लिए ना केवल आप हमारे इस आर्टिकल को लाइक करेंगे, शेयर करेंगे बल्कि साथ ही साथ अपने विचार व सुझाव भी कमेंट करके बतायेंगे ताकि हम, इसी तरह के आर्टिकल आपके लिए लाते रहें।
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