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Makar Sankranti Festival Quotes: मकर संक्रांति त्यौहार को हिंदी में जाने
मकर संक्रांति त्यौहार क्यों मनाया जाता है “Makar Sankranti Festival Quotes” ? आइये जानते है, लोहड़ी का इतिहास ?
भारत हमारे ऐसा पहला देश है “Makar Sankranti Festival Quotes” जहाँ पर हर धर्म के त्यौहार को स्पेशल माना जाता है। यही वजह है, की भारत में दो हजार से भी ज्यादा त्यौहार मनाये जाते हैं। नये साल के आगमन में सबसे पहले जो त्यौहार मनाया जाता है , वह है मकर संक्रांति “Makar Sankranti Festival Quotes” इस त्यौहार को भारत में ही नहीं विश्व के अनेक देशों में एंव राज्यों में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है।
इस त्यौहार को जनवरी माह की 14 या 15 तारीख को मनाया जाता है और मान्यता है , की इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है , इसलिए सूर्य और मकर दोनों का नाम मिलाकर मकर संक्रांति नाम से भारत में इस त्यौहार को मनाया जाता है।
मकर संक्रांति का महत्व हिन्दुओं क्या हैं ?
“Makar Sankranti Festival Quotes” हिन्दू धर्म के लोगों में मकर संक्रांति का बहुत महत्व है। साल की शुरुआत में 14 या 15 जनवरी को किसान का फसल पकने का इंतजार खत्म हो जाता है। फसल तैयार होने की ख़ुशी वह इस त्यौहार को मनाकर करते हैं। इसी के साथ भारत में हरियाणा और पंजाब में इस त्यौहार को लोहड़ी के नाम से माना जाता है।
इस दिन यहाँ के किसान तिल, गुड़ एंव मूंगफली इत्यादि बांटकर ख़ुशी मनाते हैं। पंजाब में इस दिन को पतंगबाजी इत्यादि करके भी मनाया जाता है। कहते है की इस दिन लोग लोहड़ी जलाते है और स्त्रियाँ मंगलगान करती है वही घर की बेटियां पुरे गाँव में लोहड़ी मांगकर आती है। लोग उन्हें अपनी इच्छा से लोहड़ी देते है जैसे गजक, तिल, भुट्टा इत्यादि।
Makar Sankranti इस त्यौहार को खुशियों का प्रतीक माना जाता है , इस तरह सूर्य मकर में आता है, तो सभी लोगो में एक ख़ास उर्जा उत्पन्न होती है और सब खुश होते है । “ हिन्दू धर्म में सूर्य को उर्जा का प्रतीक माना गया है “। इस त्यौहार को मनाने के पीछे दो कहानियाँ भी है।
मकर संक्रांति के ऊपर कहानियाँ क्या कहती हैं ?
कहा जाता है , की सूर्य और मकर का मिलन शनिदेव और सूर्य के मिलन के कारण संभव हुआ है। कथाओं के अनुसार शनिदेव और सूर्यदेव के बिच मतभेद थे और जब सूर्य देव शनिदेव यानि अपने पुत्र से मिलने गये तब शनिदेव मकर राशि पर हावी थे। उस वक्त जब शनिदेव और सूर्यदेव के बिच वार्तालाप हुआ और शनिदेव ने अपने पिता से क्षमा मांगी उस समय से ही सूर्य और मकर का मिलन प्रांरभ हुआ।
इसी दिन को सूर्य और मकर के मिलन का दिन माना जाता है और यही वजह है , की यह जनवरी माह में 14 या 15 तारीख यानी पौष मास में जब सूर्य मकर में प्रवेश करता है , तब इस त्यौहार को मनाया जाने लगा। यह पहली कहानी थी।
दूसरी कहानी – कहा जाता है , की पांड्वो के भीष्म पितामह को इच्छा मृत्यु का वरदान मिला हुआ था। जब युद्ध में उनपर बाणों की बौछार हुई उस वक्त वे निढाल हो गये थे , पर उनकी मृत्यु नहीं हुई और वह बाणों की सया पर लेट गये।
उस वक्त भीष्म पितामह ने कहा था , की वह उतरायण के समय मृत्यु को प्राप्त करेंगे, उतरायन सूर्य को उत्तर में प्रवेश को कहा गया है और यह समय दिसंबर के अंतिम दिनों में शुरू होता है।
इसलिए कुछ जगहों पर मकर संक्रांति को उतरायन के नाम से भी मनाया जाता है। कहते है की जब भीष्म पितामह मृत्यु को प्राप्त हुए उस वक्त से इस त्यौहार को ऐसे मनाया जाने लगा और आज इसे पुरे भारत में ही नहीं विश्वभर में मनाया जाता है।
मकर संक्रांति को कौन -से देश एंव राज्य में किस नाम से मनाया जाता है ?
मकर संक्रांति के त्यौहार को भारत के अनेक राज्यों में एंव विश्व के अनेक देशों में मनाया जाता है। हालाँकि इस त्यौहार का नाम अलग-अलग लिया जाता है , पर इसे मनाने का तरीका सभी का एक जैसा है।
यहाँ इस टेबल में आप देखेंगे की कौन – से राज्य में एंव कौन – से देश में मकर संक्रांति को किस नाम से मनाया जाता है।
राज्य एंव देश का नाम | मकर संक्रांति के विभिन्न नाम |
पंजाब | लोहड़ी , मकर संक्रांति |
कर्नाटक | मकर संक्रमण |
पश्चिम बंगाल | पौष संक्रांति |
उत्तर प्रदेश एंव पश्चिम बिहार | खिचड़ी |
कश्मीर घाटी | शिशुर सेंक्रांत |
असम | भोगली बिहू |
हरियाणा, हिमाचल | माघी |
गुजरात, उत्तराखंड | उत्तरायण |
तमिलनाडु | ताड़ पोंगल, उझवर तिरुनल |
देश | |
बांग्लादेश | पौष संक्रांति |
नेपाल | माघे संक्रांति |
थाईलेंड | सोंगकरन |
लाओस | पि मा लाओ |
म्यांमार | थियान |
कम्बोडिया | मोहा संगकरान |
श्री लंका | पोंगल, उझवर तिरुनल |
मकर संक्रांति शुभकामनाएं संदेश 2020
“मीठी बोली, मीठी जुबान, मकर संक्रांति पर यही है पैगाम!
मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनयें”
Happy Makar Sankaranti 2020
“सूरज की राशि बदलेगी, बहोतों की किस्मत बदलेगी.
यह साल का पहला पर्व होगा जब हम सब मिलकर इसे मनाएंगे”
मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनयें 2020
“बिन सावन बरसात नहीं होती, सूरज डूबे बिना रात नहीं होती,
अब ऐसी आदत हो गई है, की आपको विश किये बिना कोई
त्यौहार की शुरुआत नहीं होती”
Happy Makar Sankaranti 2020
“हो आपके जीवन में खुशियाली,
कभी भी न रहे कोई दुख देने वाली पहेली,
सदा खुश रहें आप और आपकी Family”
Happy Makar Sankranti 2020
“तिल पकवानों की मिठास पकवानों में भारियाँ,
पतंगों की तरह आकाश में उड़न पैयाँ,
और अपनी मेहनत से अपने बुलंदिओं को संभाल के राखियाँ”
Happy Makar Sankranti 2020
FINAL WORDS:-
Makar Sankranti भारत के अन्य त्यौहारों की तरह सभी धर्म के लोग मिलकर मनाते है। इस दिन सबसे ज्यादा पतंगबाजी होती है। “ इस साल 2020 को 14-15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जायेगी।
इस दिन लोग घर में पूजा इत्यादि करते है एंव कुछ लोग गरीबों को दान देते है। कुल मिलाकर यह पर्व एकता का प्रतीक भी है और सभी धर्म के लोगों में इस त्यौहार के लिए बहुत इज्जत है एंव सभी इस पर्व को ख़ुशी से मनाते हैं “।
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