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Essay on Holi in Hindi for Students: होली पर निबंध हिंदी में..!
हमारे देश भारत में किसी भी त्यौहार को बड़े ही धूम -धाम और हर्षो उल्लास के साथ मनाया जाता है, यदि हमारे देश भारत को त्योहारों का देश भी कहा जाए तब किसी को कोई ख़ास आश्चर्य नही होगा, इन्ही खुशियों भरे त्योहारों तथा समाज के लोगो को आत्मीयता के भाव से जोड़ने के लिए एक विशेष त्यौहार Holi ( होली ) का त्यौहार भी है।
होली का त्होयौहार रंगों का त्यौहार होता है । यह भारतवर्ष के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक होता है , होली का त्यौहार सभी लोगो में उच – नीच के भावों का दहन कर देता है ,तथा सभी को अपने -अपने जीवन में खुशियों के नए रंगों को भर देने का एक मौका देता है। इस बेहतरीन आर्टिकल में हम होली क्यों मनायी जाती है? ये जानेंगे तथा होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi) होली के महत्त्व पर एक बेहतरीन निबंध भी लिखेंगे।
भारत में होली क्यो मनाई जाती है:-
होली का त्योहार मनाते हुए कभी न कभी आपके मन में भी यह विचार अवश्य ही आया होगा , की हमारे देश भारत में होली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है तथा इसके पीछे का कारण क्या है ? तब हम आपको बता दे की प्राचीन काल ( सतयुग ) में हिरन कश्यप नाम का एक राक्षस था। जिसने भगवान् ब्रम्हा जी की तपस्या करके एक वरदान प्राप्त कर लिया की इस पूरी श्रृष्टि में कोई भी जीव -जंतु , मनुष्य तथा देवी -देवता उसे मार न सके।
इस वरदान के मिलने के बाद से ही हिरनकश्यप राक्षस ने पूरी धरती पर अपनी विनाश लीला दिखाना शुरू कर दिया , आप तो यह जानते ही होंगे की हिरनकश्यप का एक पुत्र था । जिसका नाम प्रहलाद था प्रहलाद भगवान् विष्णु का विशेष उपासक भी था। इस बात का पता जब उसके राक्षस पिता हिरनकश्यप को चला तब उसने विष्णु भक्त प्रहलाद को जान से मारने की बात कही , परन्तु भगवान् के भक्त प्रहलाद ने भगवान् की भक्ति जारी रखी।
इसके बाद हिरनकश्यप ने एक योजना बनायीं जिसके अनुसार ..उसकी बहन होलिका जिसे आग से न जलने का वरदान प्राप्त था ,होलिका ने विष्णु भक्त प्रहलाद को अपनी गोद में जला देने की नाकाम कोशिश की होलिका के पास आग में न जलने वाली चादर थी।
जो भगवान् की कृपा तथा वायु के वेग से भक्त प्रहलाद पर चली गयी और इसके बाद होलिका आग में जलकर राख हो गयी और भक्त प्रहलाद को जरा सी भी आंच न आई , जिसके बाद भगवान् ने नरसिंह का अवतार लेकर राक्षस हिरनकश्यप का वध किया। जिसके बाद से ही प्रत्येक वर्ष के फाल्गुन ( मार्च ) के माह की पूर्णिमा के दिन होली ( Holi ) का त्यौहार बड़े ही धूम -धाम से मनाया जाता है।
होली का महत्त्व:-
हमारे देश भारत में होली के त्यौहार का विशेष महत्त्व होता है , क्योकि होली के पर्व पर सभी लोग अपने -अपने मन मुतावो तथा भेद -भाव को भूलकर रंगीले रंगों से एक दुसरे को प्रेम का भाव प्रकट करते है । होली के पर्व का हिन्दू धर्म में विशेस महत्त्व होता है । क्योकि होली के दिन ही एक अच्छाई की बुराई पर जीत हुई थी , इसी दिन राक्षस हिरनकश्यप तथा उसकी बहन होलिका का वध हुआ था।
होली के त्यौहार को हमारे भारतवर्ष में प्रेम -भाव का त्यौहार भी माना जाता है। जिसमे सभी एक दुसरे को रंग गुलाल लगाते है तथा पुराने मन मुतावो को रंगों में मिलाकर धो देते है , भारत में होली पर्व के कुछ विशेष महत्त्व भी होते है जो इस प्रकार से है:-
- बुराई पर अच्छाई की जीत:- दुनिया में हमेशा ही अच्छाई की ही जीत होती है , हम होली के पर्व को इसलिए मनाते है क्योकि इस दिन एक सच्चे भक्त के लिए भगवान् के उनके भक्त के राक्षस पिता का वध किया था। भले ही प्रहलाद एक राक्षस का पुत्र था परन्तु उसने यह सिद्ध कर दिया की यदि आप सच्चाई के साथ है ,तब आपकी जीत निश्चित ही होती है।
- आपसी मेल -मिलाप का त्यौहार:- होली ही एक ऐसा त्यौहार होता है , जब सभी पुरानी कडवी बातो को भूलकर नए रंगों के साथ खुशियों भरी रंगीन जिंदगी तथा रिश्ते की शुरुआत करते है। होली के दिन सभी एक दुसरे के गले मिलते है और आपसी प्रेम को दुगुना कर देते है।
- सामाजिक रिश्ते मजबूत होते है:- हमारे देश में जितने भी त्यौहार है सभी खुशियों और प्रेम के भावों से भरे है , लेकिन होली का त्यौहार जो होता है वो समाज में रह रहे लोगो के मन की दूरियों को खत्म कर देता है और समाज के सभी लोगो को एक दुसरे के साथ घुलने मिलने तथा सुख -दुःख बाटने का अवसर प्रदान करता है । इसलिए भी भारतवर्ष में होली का महत्त्व और भी विशेष हो जाता है।
होली का त्यौहार कैसे मनाया जाता है:-
प्राचीन काल से ही होली के त्यौहार को बड़े ही धूम -धाम और खुशियों के साथ मनाया जाता है , होली मनाने वाले एक दिन पहले ही होलिका जलाने के लिए बच्चो तथा बडो द्वारा गोबर के उपले तथा और भी अन्य सामग्री के साथ होलिका दहन की तैयारिया की जाती है ।
उसके बाद होली वाले दिन सुबह 4 से 5 बजे के बीच होलिका की पूजा की जाती है तथा उसके बाद होलिका की सामग्री को जलाया जाता है।
उसके बाद सुबह -सुबह सभी बच्चे तथा बड़े जन होलिका के पास आकर उसके दहन को देखते है तथा उसकी पूजा भी करते है । उसके बाद से ही रंगों भरा त्यौहार शुरू हो जाता है जिसके बाद छोटे -छोटे बच्चे अपनी पिचकारियो में नील -पीले और लाल रंग भरते हुए एक दुसरे के उपर उन सभी रंगों के साथ अपने निस्वार्थ प्रेम और करुणा की बौछार भी करते है।
इसके बाद लगभग पूरे दिन ही बड़े व्यक्ति अपने प्रियजनों के पास जाकर उन्हें रंग -गुलाल लगाकर होली की बधाई देते है और अपने पुराने मन मुटावो को होली के रंगों के साथ धुला देते है।
- बच्चो में उत्साह – बच्चो के उत्साह से ही किसी भी त्यौहार की रौनक का पता लगाया जा सकता है, आपको भी पता होगा की होली के कुछ दिन पहले से ही बच्चे रंगों से खेलने और एक दुसरे को रंगीन करने के लिए उतावले रहते है और अपने लिए अपनी पसंद की पिचकारियो तथा रंगों का जखीरा तैयार करते है। किसी भी त्यौहार की खुसी और मौज में बच्चो का उत्साह चार चाँद लगा देने के लिए काफी होता है और होली का पर्व उनमे से ही एक होता है।
- रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन – होली के त्योहार वाले दिन सभी नुक्कड़ो और चौराहों पर सामूहिक होली खेलने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। जिसमे समाज के सभी तबके के लोग एक -दुसरे के गले मिलते है और सभी आपस में एक -दुसरे को होली की बधाई देते है, बहुत सी प्रसिद्द जगहों पर तो बड़े ही खुबसूरत ढंग से होली खेलने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
- प्रेम भाव और करुणा का त्यौहार – हमारे समाज को अच्छे से विकसित होने के लिए समाज में रह रहे लोगो का एक दुसरे के प्रति प्रेम -भाव तथा सहयोग की भावना का होना बहुत आवश्यक हो जाता है यही पर होली जैसे त्यौहार की भूमिका सबसे अहम् हो जाती है ।जब होली के त्यौहार पर समाज के सभी व्यक्ति आपस में एक -दुसरे को रंग – गुलाल लगाकर आपने प्रेम और सच्ची करुणा का परिचय देते है , इस कारण से भी होली का पर्व हमारे देश के लोगो को सबसे अधिक प्रिय होता है।
होली के त्यौहार का सामाजिक प्रभाव
किसी भी देश के त्योहारों का सीधा असर उस देश में रह रहे लोगो पर होता है , जिस तरह से कोई ऐसा त्यौहार होता है , जो समाज में रहने वाले लोगो को एकता और अखंडता की सीख देता है । तब तो उस त्यौहार हो मनाने की वजह से उस देश के नागरिको में देश और अपने समाज के प्रति एकता की भावना जागृत होगी और इस त्यौहार से मिली सीख के कारण से ही सभी अपने हको और सच्चाई के लिए एकजुटता और अखंडता का सहारा लेंगे।
इस तरह से किसी भी त्यौहार का समाज और देश में रहने वाले लोगो की मानसिकता पर बहुत गहरा प्रभाव होता है , इन्ही विशेष त्योहारों में होली का त्यौहार अपनी अलग ही विशेषता संजोये रखता है। होली के त्यौहार को मनाने से लोग में एक -दुसरे के प्रति प्रेम तथा करुणा की भावना जागृत होती है , जो की समाज को जोड़े रखने तथा सभी के जीवन में अमूल्य खुशिया बनाये रखने के लिए बहुत आवश्यक भी है।
होली के त्यौहार से हमारे समाज पर दूसरा प्रभाव यह होता है की हमेशा ही बुराई पर अच्छाई की जीत होती है, यदि आप सत्य के साथ होते हो तब आपकी जीत निश्चित ही होती है। होली के पर्व के कारण ही समाज में बुराई के प्रति एक संतुलित आक्रोश बना रहता है तथा सच्चाई के प्रति अपार करुणा और दया की भावना बनी रहती है।
- सभी के प्रति समान प्रेम – होली के त्यौहार से हमें यह जरुऋ सीख अवश्य ही मितली है की यदि हम समाज में सभी के साथ प्रेम – पूर्वक और दया की भावना के साथ व्यवहार करते है तब हम उस व्यक्ति की ओर से भी उसी तरह के उदार व्यवहार की आशा कर सकते है । होली का त्यौहार हमें सभी के साथ घुल – मिलकर रहने तथा सभी की भावनाओ का सम्मान करने की सोच प्रदान करता है।
- दुसरो के जीवन में खुशिया लाइए – जिस तरह से हम खुद के स्वार्थ के लिए जीवन भर काम करते है उसी तरह से होली का पर्व हमें यह सीखाता है की हमें आपने स्वार्थ को भूलकर दुसरे के जीवन में भी खुशियों के रंगों को भरना चाहिए । होली का पर्व होता ही इसलिए है की हम किसी दुसरे के जीवन में अपने प्यार रंगों से खुशियों के रंग भर दे और उसके सभी गमो को कुछ पल के लिए भुला दे।
निष्कर्ष:-
जिस प्रकार से हमारे जीवन में कभी न कभी नकारात्मकता हमें पूरी तरह से घेर लेती है , लेकिन वह केवल कुछ समय के लिए ही टिक पाती है क्योकि सकारात्मकता उसे टिकने ही नही देती है । उसी तरह भले बुराई कुछ समय के लिए अपना काम कर सकती है परन्तु अच्छाई के सामने बुराई की सदैव पराजय ही होती है।
होली का त्यौहार रंगों का त्यौहार होता है इसलिए हमें होली (Holi) से प्रेरणा लेते हुए अपने जीवनको भी सभी तरह के खुशियों के रंगों जैसे – प्रेम, दया, करुणा और निस्वार्थ सेवा के रंगों से अपने जीवन को रंगना चाहिए। हमें उम्मीद ही नही पूरा विश्वास भी है की आपको हमारे द्वारा किये गया प्रयास होली पर हिंदी में निबंध अवश्य ही पसंद आया होगा।
अक्सर ही विद्यालयो में बच्चो को Holi पर Essay लिखने के लिए दिया जाता है और हमें भी उम्मीद है की आपको Essay on Holi in Hindi का ये आर्टिकल जरुर ही पसंद आया होगा । आपका कीमती समय देने के लिए धन्यवाद आगे भी हम आपके लिए उपयोगी आर्टिकल लाते रहेंगे ।
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