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Atal Bihari Vajpayee In Hindi: अटल बिहारी वाजपेयी…!
पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री, एक सच्चे देशभक्त तथा लोकप्रिय राजनेता अटल बिहारी बाजपेयी जी का निधन 16 अगस्त 2018, 93 वर्ष की अवस्था मे दिल्ली के एम्स अस्पताल में हुआ। अटल जी के रूप में हम सभी ने एक सच्चा देशभक्त, एक देश सुधारक राजनेता तथा एक हृदयस्पर्शी कवि को भी खो दिया है। अटल बिहारी जी भारतीय राजनीति के इतिहास के एकमात्र ऐसे नेता हुए है जो कि विपक्ष के नेताओ के भी प्रिय रहे है क्योंकि अटल बिहारी जी विपक्षी नेताओं से केवल वैचारिक मतभेद रखते थे कोई व्यक्तिगत मतभेद उनमे नजर नही आता था।
मृत्यु अटल है, लेकिन अटल अमर है…! कितना अटल सत्य है कुदरत का भी ।
अटल विहारी बाजपेयी की अमर दास्तान।
मैं जी भर जिया, मैं मन से मरुँ
लौटकर आऊँगा कूच से क्यों डरूँ ?
अटल जी ने इन पंक्तियों से मानो खुद के जीवन का संदेश हम सभी को देकर गए है।
जन्म | 25 दिसंबर 1924 ग्वालियर, मध्य प्रदेश |
मृत्यु | अगस्त 16, 2018 (उम्र 93) एम्स दिल्ली (सायं 5 बजे) नई दिल्ली, भारत |
राष्ट्रियता | भारतीय |
राजनैतिक दल | भारतीय जनता पार्टी |
Religion | हिन्दू धर्म |
Atal Bihari Vajpayee Biography:- अटल बिहारी वाजपेयी जीवनी हिंदी में
अटल बिहारी बाजपेयी का जन्म 25 दिसम्बर 1924 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर ज़िलें में हुआ था। उनके पिता कृष्ण बिहारी बाजपेयी एक स्कूल में शिक्षक हुआ करते थे। अटल जी ने अपनी शुरुआती पढ़ाई ग्वालियर से ही कि थी और बाद में उन्होंने मास्टर ऑफ़ आर्ट्स की डिग्री राजनीति शास्त्र से कानपुर के एक कॉलेज से प्रथम श्रेणी में पास की।
अटल बिहारी बाजपेयी जी ने 1939 में आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) की सदस्यता ग्रहण की थी। साल 1948 में महात्मा गाँधी की हत्या के बाद आरएसएस को बैन कर दिया गया इसके बाद 1951 में अटल बिहारी जी ने दीनदयाल उपाध्याय के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी की नींव रखी जो कि आरएसएस द्वारा ही संचालित की जाती थी।
◆1957 में ही जवाहर लाल नेहरू ने अटल बिहारी के प्रधानमंत्री बनने की जता दी थी संभावना- साल 1954 में अटल बिहारी जी श्याम प्रसाद मुख़र्जी के साथ जम्मू कश्मीर पहुँच कर वहाँ बाहरी घुसपैठियों के प्रवेश का विरोध कर रहे थे। उसी समय श्यामा प्रसाद मुख़र्जी की जेल में रहते हुए मृत्यु हो गयी। इसके बाद साल 1957 में अटल जी पहली बार चुनाव लड़ते हुए बलरामपुर से लोकसभा की सीट जीती थी। उनकी इस जीत में उस समय के प्रधानमंत्री रहे पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अटलबिहारी जी के बारे में कहा था कि वो एक ना एक दिन भारत के प्रधानमंत्री जरूर बनेंगे।
◆ आपातकाल के दौरान रहे थे जेल में- साल 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी द्वारा आपातकाल लगाए जाने के बाद अटल बिहारी जी समेत सभी विपक्ष के नेताओं को जेल में डाल दिया गया था। इसके बाद साल 1977 में जब पहली बार भारत मे गैरकांग्रेसी सरकार नियुक्त हुई तो मोरारजी देसाई भारत के प्रधानमंत्री चुने गए तथा अटल बिहारी बाजपेयी जी को भारत का “विदेश मंत्री“ नियुक्त किया गया। भारत का विदेश मंत्री रहते हुए अटल जी पहले ऐसे मंत्री रहे है जिन्होंने यूनाइटेड नेशनल जनरल असेम्बली में जाकर हिंदी भाषा में अपना भाषण दिया था।
उन्होंने अपने मित्र रहे लाल कृष्ण आडवाणी, और भैरो सिंह शेखवात को भी भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण करवाई थी तथा 1980 में वो भारतीय जनता पार्टी के पहले अध्यक्ष बनाये गए।
◆लाल कृष्ण आडवाणी ने अटल जी ने भारत का प्रधानमंत्री बनाने की, की थी घोषणा:-
साल 1992 में राम मंदिर का मुद्दा उठने के बाद पूरे भारत मे आरएसएस और बीजेपी की लहर चल पड़ी थी। इसी समय एक रैली के दौरान भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी ने अटल बिहारी बाजपेयी जी को भारत का प्रधानमंत्री बनाने की घोषणा की थी।
◆ प्रधानमंत्री के रूप में अटल बिहारी बाजपेयी:-
अटल बिहारी बाजपेयी जी पहली बार 1996 में प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे थे लेकिन उस समय लोकसभा में अपना बहुमत सिद्ध ना कर पाने के कारण उन्हें 13 दिन बाद ही प्रधानमंत्री के पद का त्याग करना पड़ा था।
इसके बात साल 1998 में हुए लोकसभा चुनाव में एक बार फिर से बीजेपी सत्ता में आयी और अटल जी को भारत का प्रधानमंत्री चुना गया। इस बार 13 महीने तक अटल जी के प्रधानमंत्री रहने के बाद जयललिता ने अपनी पार्टी का सपोर्ट बीजेपी को देने से मना कर दिया जिस कारण मात्र एक वोट की कमी के चलते एक बार फिर अटल जो को प्रधानमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी।
लेकिन इस एक साल के ही अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल में अटल बिहारी जी ने पोखरण परमाणु परीक्षण करवाकर सम्पूर्ण विश्व को भारत की शक्ति का आभास करवा दिया था।
इसके बाद साल 1999 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को मिले बहुमत के बाद अटल बिहारी जी तीसरी बार प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे और इस बार उन्होंने अपने 5 साल के प्रधानमंत्री कार्यकाल को पूरा किया।
अटल बिहारी बाजपेयी ने साल 1999 से 2004 तक प्रधानमंत्री रहते हुए देशहित तथा भारत की मजबूत बनाने के लिए बहुत से कड़े फ़ैसले लेते हुए अपने स्पष्ट विचारों का संकेत सम्पूर्ण विश्व को दिया था। उन्होंने अपने कार्यकाल में अमेरिका तथा रूस जैसे शक्तिशाली देशों के विरोध और धमकी के बाद भी पोखरण परमाणु परीक्षण करवाकर सम्पूर्ण विश्व को भारत की सैन्य शक्ति का आभास कराया था।
साल 1999 से 2004 तक के अटल जी प्रधानमंत्री कार्यकाल में उन्होंने पाकिस्तान को उसके आतंकी तथा छलपूर्ण व्यवहार का भी निर्भीकता से जवाब दिया था। कारगिल विजय, 2001संसद आतंकी हमला आदि जैसी घटनाओं का अटल सरकार ने पाकिस्तान को भरपूर्ण जवाब दिया था।
पाकिस्तान पर भारत द्वारा हो रहे लगातार हमले को रोकने के लिए अटल जी के पास उस समय अमेरिकी राष्ट्रपति का फोन भी आया और उन्होंने अटल जी से कहा कि आप पाकिस्तान पर हमला करना बंद करे वरना पाकिस्तान आपके देश पर परमाणु हमला करेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति के इस जवाब पर अटल जी ने उनसे कहा कि:–“मैं आधे भारत को खत्म मान रहा हूँ, लेकिन मैं आपको निश्चित कर देना चाहता की उसकी अगली सुबह पाकिस्तान दुनिया के नक्शे में नज़र नही आएगा।”
Atal Bihari Vajpayee Quotes in Hindi:-
दोस्तो आज हम आपके लिए अटल बिहारी जी द्वारा लिखी गयी कुछ ऐसे ही पंक्तियां Hindi Quotes लेकर आये है जिसे पढ़कर आपके शरीर मे भी एक नई ऊर्जा का संचार होगा और अटल जी की इन पंक्तियों को पढ़कर निश्चित रूप से आप उनके जीवन से प्रेरित होकर तथा सीख लेकर अपने जीवन को भी सफ़ल बनाने के राह में आगे बढ़ पाएंगे।
“देश एक मंदिर है, हम पुजारी हैं। राष्ट्रदेव की पूजा में हमें खुद को समर्पित कर देना चाहिए।” ― Atal Bihari Vajpayee
“हर चुनौती से दो हाथ मैंने किये, आँधियों में जलाए है बुझते दिए।” ― Atal Bihari Vajpayee
“हार नहीं मानूँगा, रार नई ठानूंगा, काल के कपाल पर लिखता -मिटाता हुं! गीत नया गाता हूं, गीत नया गाता हूं।” ― Atal Bihari Vajpayee
“मेरे प्रभु! मुझे इतनी ऊँचाई कभी मत देना, गैरों को गले ना लगा सकूँ, इतनी रुखाई काबी मत देना।” ― Atal Bihari Vajpayee
“अगर मैं आदमी अच्छा हूँ, तो गलत पार्टी में कैसे हो सकता हूँ ! और अगर मैं गलत पार्टी में हूँ तो मैं अच्छा आदमी कैसे हो सकता हूँ।” ― Atal Bihari Vajpayee
“दो दिन मिले उधार में, घाटों के व्यापार में, कहाँ-कहाँ का हिसाब लूँ, या निधि शेष लुटाऊ मैं ? राह कौन सी जाऊँ मैं ।” ― Atal Bihari Vajpayee
“बाधाएं आती है आयें, घिरे प्रलय की ओर घटाएँ, पावों के नीचे अंगारे, सिर पर बरसे यदि ज्वालाएँ, निज हाथों में हँसते- हँसते, आग लगाकर जलना होगा, कदम मिलाकर चलना होगा।” ― Atal Bihari Vajpayee
“क्या हार में, क्या जीत में, किंचित नही भयभीत मैं। कर्तव्य पथ पर जो मिला, यह भी सही, वह भी सही वरदान नहीं मागूँगा, हो कुछ भी लेकिन हार नही मानूँगा।” ― Atal Bihari Vajpayee
“अटल जी आज हमारे बीच में नहीं रहे, लेकिन उनकी प्रेरणा, उनका मार्गदर्शन, हर भारतीय को, हर भाजपा कार्यकर्ता को हमेशा मिलता रहेगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके हर स्नेही को ये दुःख सहन करने की शक्ति दे।” ― Narendra Modi
लेकिन वो हमें कहकर गए हैं:-मेरे अटल जी
“मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं,
ज़िन्दगी सिलसिला, आज कल की नहीं
मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं,
लौटकर आऊँगा, कूच से क्यों डरूं?।”
“मैं नि:शब्द हूं, शून्य में हूं, लेकिन भावनाओं का ज्वार उमड़ रहा है। हम सभी के श्रद्धेय अटल जी हमारे बीच नहीं रहे। अपने जीवन का प्रत्येक पल उन्होंने राष्ट्र को समर्पित कर दिया था। उनका जाना, एक युग का अंत है।”― Narendra Modi
Atal Bihari Vajpayee Poems:-
जो कल थे,
वे आज नहीं हैं।
जो आज हैं,
वे कल नहीं होंगे।
होने, न होने का क्रम,
इसी तरह चलता रहेगा,
हम हैं, हम रहेंगे,
यह भ्रम भी सदा पलता रहेगा। ― Atal Bihari Vajpayee
कुछ लम्हें,कुछ ज़ज्बात
जो कैद है मेरी कलम की बूंदों में
छोड़ गया हूँ कर्मो के निशाँ
मेरे देश की धरती-धोरों में
चेतना का नूतन आवरण लेकर
लौट के फिर मैं आऊँगा
स्वच्छ करूँगा राजनीति को
एक बेहतर राष्ट्र बनाऊँगा। ― Atal Bihari Vajpayee
सूर्य तो फिर भी उगेगा,
धूप तो फिर भी खिलेगी,
लेकिन मेरी बगीची की
हरी-हरी दूब पर,
ओस की बूंद
हर मौसम में नहीं मिलेगी। ― Atal Bihari Vajpayee
“बात ऐसी नहीं कि कोई ग़म ही नहीं, दर्द अपने-पराए कुछ कम भी नहीं। प्यार इतना परायों से मुझको मिला, न अपनों से बाक़ी हैं कोई गिला। हर चुनौती से दो हाथ मैंने किये, आंधियों में जलाए हैं बुझते दिए।”― Atal Bihari Vajpayee
अटल बिहारी वाजपेयी की कविता:-
क्या खोया, क्या पाया जाग में,
मिलते और बिछड़ते माग में,
मुझे किसी से नही शिकायत,
यधयापि चला गया पग पह मैं,
एक दारिष्टि बीती पर डाले,
यादो की पोटली टटोले,
क्या खोया, क्या पाया जाग में,
पारित्वी लखो वर्ष पुरानी,
जेवान एक अनंत कहानी,
पर टन की अपनी सेमाए,
यधयापि सू शर्डों की वाणी,
इतना काफ़ी है आंतीं दस्तक,
पर खुद दरवाजा खोले,
जानम-मारन का अविर्त फेरा,
जेवान बंजारो का डेरा,
क्या खोया, क्या पाया जाग में,
आज यह, कल कहा कौच है,
कौन जनता, किधर सवेरा,
आँधियारा आकाश असेमित,
प्राणो के पँखो को टूले,
आपने ही मान से कुछ बूल
क्या खोया, क्या पाया जाग में.
मेरे प्रभु!
मुझे इतनी ऊँचाई कभी मत देना,
गैरों को गले न लगा सकूँ,
इतनी रुखाई कभी मत देना। ― Atal Bihari Vajpayee
अटल बिहारी कवि, पत्रकार व एक प्रखर राष्टवादी वक्ता थे । राष्ट्रधर्म, पाञ्चजन्य और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र – पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया ।
अटल बिहारी जी एक बेहतरीन प्रधानमंत्री होने के साथ ही एक लोकप्रिय कवि भी थे। उनकी रचनाएं जोश और जुनून से भरपूर्ण और शरीर मे ऊर्जा का संचार करने वाली होती है।
अटल जी भले ही इस दुनिया को अलविदा कह गए लेकिन एक नेता के रूप में, एक कवि के रूप, एक सच्चे देशभक्त के रूप में वो हमेशा इस दुनिया मे अमर रहेंगे।
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